Saturday, 14 November 2009

कहीं जमीं तो कहीं आसमां नहीं मिलता


नवंबर में अगस्त सी बारिश हो रही है। पिछले पाँच छः दिनों से लगातार यूँ लग रहा है जैसे बारिश का ही मौसम हो.....। अमूमन इस महीने दीपावली होती है, लेकिन इस बार दीपावली-दशहरे से फारिग हो चुके लोगों को नवंबर ने सावन जैसी सौगात दी। गीला-गीले से दिन पर रूमानी-सी रातों के इस दौर में जब खिड़की के उस ओर मौसम का शहद रच-रचकर रिस रहा हो....छुट्टी भी हो (कारण कुछ भी हो, बीमारी ही सही) तो क्या उसे हथेलियों में समेट लेने की इच्छा नहीं होनी चाहिए....? लेकिन नहीं हुई....। मावठा है....लेकिन क्या एक सप्ताह तक लगातार गिरते देखा है कभी...फिर अगहन में.... पौष में गिरता है, माघ में गिरता है, लेकिन इस माह.... प्रकृति को भी उच्शृंखलता सूझती है कभी-कभी.... किस मौसम के आने का समय हो और कौन आ टपके बिल्कुल सरप्राइज...खैर यही तो बदलाव है...खुशी है, जीवन है वरना इस दुनिया में रखा क्या है?
पारदर्शी शीशों वाली बड़ी-सी काँच की खिड़की के उस ओर आसमान उमड़ रहा है हम वाइरल के लिहाफ में दुबके उस शहद से रिसने को नहीं झेल पाने के दुख के साथ बेसुध पड़े हैं। पोर्च का झूला....कॉफी का कप... सुरीली बंदिशें या फिर मीठी गजलें....सब कुछ हो सकता था, लेकिन कुछ नहीं है। हवा में उड़ा-उड़ा सा तन है और भाँग की हल्की-सी खुनक में डूबा सा मन है, जिसमें कुछ भी नहीं चल रहा था और कुछ भी नहीं हो रहा था। बस मौसम यूँ ही गुजर रहा था और हम उसकी तरफ पीठ कर सो रहे थे.....सच ही तो है कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता....कहीं जमीं तो कहीं आसमां नहीं मिलता। कारण कुछ भी हो....बीमारी हो.... चाहे तो किस्मत ही कह लें.....आखिरकार जब सवाल हो और जवाब न हो तो ईश्वर और सब कुछ करने के बाद भी मनचाहा न हो तो....जी हाँ किस्मत है...।

5 comments:

  1. आपकी पी-एच.डी. अस्तित्ववाद पर ऐसे ही नहीं है......कविता को मात देता ब्लाग......

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  2. शहद रिसने वाली उपमा....भई वाह...

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  3. अच्छा लिखा है आपने । सहज विचार, संवेदनशीलता और रचना शिल्प की कलात्मकता प्रभावित करती है ।

    मैने भी अपने ब्लाग पर एक लेख लिखा है-घरेलू हिंसा से लहूलुहान महिलाओं का तन और मन-समय हो तो पढ़ें और कमेंट भी दें ।
    http://www.ashokvichar.blogspot.com

    कविताओं पर भी आपकी राय अपेक्षित है। कविता का ब्लाग है-
    http://drashokpriyaranjan.blogspot.com

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  4. " bahut hi badhiya post "

    aapko badhai

    ----- eksacchai { AAWAZ }

    http://eksacchai.blogspot.com

    plz welcome on my blog to read

    " भारत देश की लिलामी चालू है ,क्या आपको बोली लगानी है ?"

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  5. जल्दी स्वस्थ हो जाइए।

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